वर्ष 2007 से प्रयागराज में स्थित महावीर भवन में वेदाङ्ग विषयों के अध्ययन हेतु 'महर्षि भरद्वाज वेद-वेदाङ्ग शिक्षण केन्द्र' को प्रारम्भ किया गया।
गुरुकुल में प्रवेश हेतु लिखित एवं मौखिक प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है, जिसमें उत्तीर्ण सर्वोत्तम छात्रों को ही प्रवेश दिया जाता है।
गुरुकुल में प्रवेश हेतु अर्हता कक्षा 5 उत्तीर्ण एवं अधिकतम आयु 11 वर्ष है।
वेदाङ्ग विद्यालय में वेद विद्यालय के पाठ्यक्रम को उत्तीर्ण कर चुके छात्रों को ही प्रवेश दिया जाता है।
पाठ्यक्रम
वेद विद्यालय का पाठ्यक्रम सात वर्षों का है, जिसमें वेदभूषण (highschool) वेदविभूषण (Intermediate) के समकक्ष है
प्रविष्ट छात्रों को सेतु पाठ्यक्रम में श्रीमद्भगवद्गीता, अमरकोश, स्तोत्र, संस्कृत सम्भाषण आदि का अभ्यास कराया जाता है।
उपनयन (यज्ञोपवीत संस्कार) के पश्चात् वेद (संहिता) का अध्ययन (कण्ठस्थीकरण) कराया जाता है।
वेद के साथ ज्योतिष, व्याकरण एवं साहित्य आदि विषयों का प्रारम्भिक अध्ययन कराया जाता है।
साथ ही इन विद्यार्थियों को अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान एवं कम्प्यूटर का भी सामान्य अध्ययन कराया जाता है।
परीक्षा प्रणाली
विद्यार्थी की शैक्षणिक प्रगति को निरीक्षण करने हेतु प्रत्येक माह आन्तरिक परीक्षा आयोजित की जाती है।
त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षाएँ आयोजित की जाती हैं, जिन्हें उत्तीर्ण करना विद्यार्थी के लिए अनिवार्य होता है।
वेद आदि परम्परागत विषयों के कण्ठस्थीकरण की परीक्षा मौखिक ली जाती है।
अन्य संस्कृत साहित्य एवं अंग्रेजी, गणित आदि विषयों की लिखित परीक्षा करायी जाती है।
विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा मानव संसाधन विकास मन्त्रालय, भारत सरकार की संस्था 'महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन' एवं महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्तर पर करायी जाती है।
अन्य शैक्षणिक एवं प्रायोगिक क्रिया- कलाप
संस्कृत एवं अंग्रेजी के सम्भाषण शिविर (कार्यशाला) का आयोजन करना।
विभिन्न स्तरों की शैक्षणिक एवं शारीरिक प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कराना।
विशिष्ट विद्वानों द्वारा समय समय पर व्याख्यान एवं मार्गदर्शन कराना।
वेद की सस्वर परम्परा के शुद्धतम स्वरूप को संरक्षित करने हेतु वेद- स्वाध्याय शिविर का आयोजन करना ।
समय-समय पर अनुष्ठानादि एवं योग, स्वच्छता आदि विविध सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करना।