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बजरंग दल
बजरंग दल की स्थापना 8 अक्टुबर 1984 को अयोध्या में हुई। ‘‘श्रीराम जानकी रथ यात्रा’’ अयोध्या से प्रस्थान के समय तत्कालीन सरकार ने सुरक्षा देने से मना कर दिया उस समय संतो के आवाहन पर विश्व हिन्दू परिषद द्वारा वहां उपस्थिति युवाओं को यात्रा की सुरक्षा का दायित्व दिया। श्रीराम के कार्य के लिए हनुमान सदा उपस्थित रहे है। उसी प्रकार आज के युग में श्रीराम के कार्य के लिए यह बजरंगियों की टोली ‘‘बजरंग दल’’ के रूप में कार्य करेगी। बजरंगदल का संगठन किसी के विरोध में नही बल्कि हिन्दूओं को चुनोती देने वाले असमाजिक तत्वों से रक्षा के लिये हुआ। उस समय केवल स्थानीय युवाओं को ही दायित्व दिया गया जो श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के कार्यो में सक्रिय रह सके। देश भर के युवा राष्ट्र और धर्म के कार्य के लिये आतुर थे माने वह प्रतीक्षा ही कर रहे थे, जैसे ही अवसर आया सम्पूर्ण देश की राष्ट्रभक्ति तरूणाई बजरंगदल के रूप में प्रकट हो गयी।

पिछले तीन वर्षों में बजरंग दल - काशी प्रांत द्वारा युवाओं को स्वरोजगार :
2021- 1211
2022-5130
2023- 4200

प्रयाग बजरंग दल सम्मेलन

गंगा, यमुना और गंगा के पवित्र संगम के तट पर माघ मेला क्षेत्र के परेड ग्राउंड पर काली सड़क के किनारे बने बजरंग दल के एक विशाल पंडाल में भगवा बेल्ट के साथ 1.25 लाख से अधिक युवाओं की संख्या वाले बजरंग दल कार्यकर्ताओं का एक विराट राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था। 21 जनवरी 1996 को प्रातः 11.30 बजे सरस्वती। मंच पर गणमान्य व्यक्तियों में ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद महंत अवैद्यनाथ, महंत नृत्यगोपाल दास, स्वामी चिन्मयानंद, डॉ. राम विलासदास वेदांती, आचार्य धर्मेद्रजी, श्री अशोक सिंघल, आचार्य गिरिराज किशोर, पुत्र श्री सूर्यनारायण राव शामिल थे। विनय कटियार, श्रीश्चद्र दीक्षित, हुकुमचंद सांवला, भानुप्रकाश तुपे, जयभान सिंह पवैया आदि। सम्मेलन की अध्यक्षता महंत अवैद्यनाथ ने की तथा संचालन बजरंग दल के महासचिव श्री सुरेशकुमार जैन ने किया।

आरएसएस के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख और विहिप के मार्गदर्शक मा सूर्यनारायण राव ने गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की. फैजाबाद के सांसद श्री विनय कटियार ने घुसपैठ की समस्या को देश के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बताया।

विहिप श्रीराम जन्मभूमि न्यास के तत्कालीन उपाध्यक्ष अयोध्या के पूज्य महंत नृत्यगोपाल को इस बात में कोई संदेह नहीं था कि गाय की रक्षा देश की रक्षा के बराबर है। श्री श्रीशचंद्र दीक्षित ने देश के उन सभी कानूनों का एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया जिनका गौ-रक्षा आंदोलन में काम करते समय पालन करना आवश्यक होगा।

बजरंग दल द्वारा मनाया गया शहीद दिवस

30 अक्टूबर और 02 नवंबर 1990 को कारसेवा के दौरान शहीद हुए कारसेवकों की याद में अयोध्या में बजरंग दल कार्यकर्ताओं का एक सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया। तदनुसार, देश के सभी प्रांतों से आए लगभग 12,000 प्रतिनिधि 30 अक्टूबर को अयोध्या के कारसेवकपुरम में रुके थे। 02 नवम्बर 1991 तक विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उन्हें विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन दिया। उन सभी ने गंभीरता से श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराने का संकल्प लिया।

बजरंग दल काशी प्रांत के सात दिवसीय शौर्य प्रशिक्षण शिविर

बजरंग दल काशी प्रांत के सात दिवसीय शौर्य प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन माधव ज्ञान केंद्र इंटर कॉलेज नैनी में रविवार को हुआ। क्षेत्रीय संगठन मंत्री गजेंद्र ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल आज हिंदू समाज के समक्ष खड़ी किसी भी चुनौती का डटकर मुकाबला करने में सक्षम है। बजरंग दल के प्रांत संयोजक सत्य प्रताप ने बताया कि शिविर में काशी प्रांत के सभी जिलों से लगभग 200 से अधिक बजरंग दल कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं। कार्यकर्ताओं को शारीरिक, मानसिक व व्यावहारिक रूप से दक्ष बनाने के लिए यह प्रशिक्षण शिविर हर वर्ष लगाया जाता है। रामभक्त हनुमान को आदर्श मानने वाला युवाओं का यह संगठन राष्ट्र विरोधी, हिंदू धर्म एवं संस्कृति विरोधियों से डटकर मुकाबला करने वाला है। संचालन सहसंयोजक आनंद ने किया। इस अवसर पर विहिप काशी प्रांत के अध्यक्ष कविंद्र प्रताप सिंह, प्रांत उपाध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार, सुरेश अग्रवाल, देवानंद, गुरु प्रकाश राव, अभिमन्यु शाही, विनय, मोहनलाल पटेल, अमित पाठक आदि उपस्थित रहे।

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